नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर चल रहे मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत की शर्तों में ढील दे दी है। सिसोदिया ने जमानत की शर्तों में ढील के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जांच एजेंसी में हाजिरी लगाने की शर्तें हटीं
सुप्रीम कोर्ट ने अब सिसोदिया को हफ्ते में 2 दिन CBI और ED के दफ्तर में हाजिरी लगाने की शर्त हटा दी है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा है कि सिसोदिया को ट्रायल में नियमित रूप से हिस्सा लेना होगा। जमानत की शर्तों के मुताबिक पहले सिसोदिया को हर हफ्ते दो बार जांच एजेंसियों के दफ्तर में हाजिरी लगानी पड़ती थी।
9 अगस्त से जमानत पर हैं सिसोदिया
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह कहते हुए जमानत शर्तों में ढील दी कि उनकी कोई आवश्यकता नहीं है। पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता नियमित रूप से सुनवाई में हिस्सा लेंगे।” सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर को सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी और CBI, ED को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। 9 अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने सिसोदिया को जमानत दी थी, साथ ही कहा था कि बिना सुनवाई के 17 महीने तक सलाखों के पीछे रखने से वह त्वरित सुनवाई के अपने अधिकार से वंचित हो गए थे।
सोमवार-गुरुवार को होना होता था पेश
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ जमानत शर्तें लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल था कि सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना होता था। सिसोदिया के वकील ने 22 नवंबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि ‘आप’ नेता सिसोदिया 60 बार जांच अधिकारी के सामने पेश हो चुके हैं।
फरवरी 2023 में हुई थी गिरफ्तारी
सिसोदिया को दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में CBI और ED ने गिरफ्तार किया था। उन्हें 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया गया था, जब दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताएं पाई गई थीं। इसके बाद 9 मार्च 2023 को ED ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। सिसोदिया ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।